एहसास-ए-मुलाकात | Feeling-of-Meeting
एहसास-ए-मुलाकात हुई, आज ढलती हुई उम्र से ! मैने कहा,.. “जरा ठहरो !” तो वह हंसकर, इठलाते हुए बोली,.. “मैं उम्र हूँ, ठहरती नहीं ! पाना चाहते ही हो मुझको, तो मेरे हर कदम के संग चलो !!” मैंने मुस्कराते हुए कहा,.. “कैसे चलूं मैं” बनकर तेरा हमकदम ! संग तेरे चलने पर छोड़ना होगा, … Read more